छात्रों के बीच पैसे देकर नकल कराने का चलन क्यों बढ़ रहा है?

क्रिस ने पहली बार जब किसी दूसरे के लिए निबंध लिखा तो इसके बदले में उन्हें खाना खिलाया गया था.

उनके एक दोस्त ने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए मदद मांगी थी तो क्रिस उसके निबंध को पढ़ने और कुछ सुधार करने के लिए राज़ी हो गए थे.

लेकिन निबंध को संपादित करने भर से काम नहीं चलने वाला था. उसमें दिए गए तर्क गड्ड-मड्ड थे, इसलिए उन्हें पूरा निबंध दोबारा लिखना पड़ा.

क्रिस का निबंध अच्छा बन गया और उस लड़की को अच्छे ग्रेड मिल गए. उनका दोस्त भी खुश हो गया.

वह कहते हैं, "उसने सिंगापुर में मुझे हॉटपॉट (एक तरह की चीनी खाना) खिलाया. तब मैं पहली बार किसी हॉटपॉट रेस्तरां में गया था."

क्रिस के दोस्त ने दूसरे असाइनमेंट में भी उस लड़की की मदद करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया.

क्रिस ने कहा कि वह रोज हॉटपॉट नहीं खा सकते. उन्हें इसके पैसे चाहिए.

वह कहते हैं, "फिर उस लड़की ने मुझे अपने सहपाठियों से मिलवाया और इस तरह सब कुछ शुरू हुआ."

निबंध मिल (कारखाना)

क्रिस अब अपना "निबंध मिल" चलाते हैं. वो कहते हैं कि यह फ़ायदे का धंधा है, जिसमें उन छात्रों के असाइनमेंट लिखे जाते हैं जो ख़ुद से अपना काम पूरा नहीं कर सकते.

अमरीका में कॉलेज एडमिशन का स्कैंडल दुनिया भर में सुर्खियां बना तो छात्रों की नकल की तरफ लोगों का ध्यान गया.

यह इस तरह का कोई पहला स्कैंडल नहीं था. भारत में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई धोखाधड़ी के मामले अब भी उजागर हो रहे हैं.

सिर्फ़ दाखिले की परीक्षाओं में ऐसा नहीं हो रहा. विश्वविद्यालयों में दाखिला पा जाने के बाद भी कुछ छात्रों को समस्याएं रहती हैं. वहां क्रिस जैसे लोगों की भूमिका शुरू होती है.

सही या गलत
कई साल तक सिंगापुर में पढ़ाई करने के बाद क्रिस अब चीन लौट आए हैं.

वह निबंध लिखते हैं और ऑस्ट्रेलिया से लेकर ब्रिटेन तक फैले अपने छात्र ग्राहकों से मिले काम को ठेके पर भी कराते हैं.

क्रिस का सालाना कारोबार डेढ़ लाख डॉलर से अधिक का है. यह कारोबार तब फैला था जब उनकी एक छात्र मास्टर डिग्री करने ऑस्ट्रेलिया गई और उसने वहां दूसरे लोगों को क्रिस के बारे में बताया.

वह हर हफ्ते कम से कम एक निबंध ख़ुद लिखते हैं. इसके अलावा व्यापार से लेकर वित्त तक के विषयों पर मिले काम को ठेके पर विशेषज्ञों के पास भेज देते हैं.

वह प्रति शब्द एक आरएमबी लेते हैं. इस तरह 1,000 शब्दों का निबंध करीब 1,000 आरएमबी (115 पाउंड या 150 डॉलर) में तैयार होता है.

क्रिस अपना पूरा नाम नहीं बताते. उनको लगता है कि वह जो करते हैं वह सिखाने और नकल कराने के बीच की चीज़ है.

वह कहते हैं, "मैं छात्रों से हमेशा कहता हूं कि आप मेरे निबंध का उल्लेख कर सकते हैं लेकिन इसे सीधे अपने प्रोफेसर को नहीं दे सकते."

"लेकिन वे क्या करते हैं उस पर मेरा नियंत्रण नहीं है. कुछ छात्र वास्तव में मुझसे सीखते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यह ग्रे एरिया में है."

कभी-कभी वह मना भी करना चाहते हैं लेकिन कर नहीं पाते.

क्रिस कहते हैं, "मैं ख़ुद से यह कहता हूं कि मुझे यह बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह धोखाधड़ी है. वे मुझसे कुछ नहीं सीखते. फिर एक महीने बाद उनका फोन आता है और वे कहते हैं कि क्या मैं फिर उनकी मदद कर सकता हूं क्योंकि ग्रैजुएट बनने के लिए यह असाइनमेंट पास करना जरूरी है."

"फिर मैं हां कर देता हूं, साथ ही यह भी कहता हूं कि यदि ऐसा है तो मैं यह आखिरी बार कर रहा हूं. मैं चाहता हूं कि वे कुछ सीखें लेकिन यह बहुत मुश्किल है.

तकनीक का सहारा
ब्रिटेन की क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी के गैरेथ क्रॉसमैन यहां छात्रों की गलती मानते हैं. उनका कहना है कि इस तरह धोखाधड़ी करने वाले छात्र न सिर्फ़ अपनी शिक्षा को कम कर रहे हैं, बल्कि समाज को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

गैरेथ क्रॉसमैन कहते हैं, "वह धोखा दे रहे हैं. कोई नहीं चाहेगा कि ऐसे लोगों को बाद में काम मिले जो किसी योग्य नहीं हैं."रॉयल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ने इस पर अपनी चिंता जताई है और नर्सें भी बिना योग्यता के बाहर आ रही हैं.

क्रॉसमैन कहते हैं, "मुझे लगता है कि संस्थान भी इस बात को मान रहे हैं कि इससे उनकी साख जुड़ी हुई है इसलिए इससे निपटने की जरूरत है."

पिछले साल स्वानसी यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च प्रकाशित किया था जिसके मुताबिक दुनिया भर में हर 7 में 1 छात्र इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल हो सकता है.

क्रॉसमैन का कहना है कि ऐसा पहले भी होता रहा है. तकनीकी विकास ने इसे व्यापक बना दिया है और निबंध मिल तकनीक का दोहन कर रहे हैं.

वह कहते हैं, "जब हम सोशल मीडिया साइटों पर जाते हैं तो वहां विज्ञापन पॉप-अप होते रहते हैं. वे हमारी रुचि का अंदाज़ा लगाकर विज्ञापन दिखाते हैं. निबंध मिलों के साथ भी ऐसा ही है."

जो छात्र सोशल मीडिया पर निबंध लिखने में सहायता की तलाश करते हैं, उनको लक्षित किया जाता है.

निबंध मिल अपने आपको पढ़ाई में सहायक होने के रूप में प्रस्तुत करते हैं जो पूरी तरह वैध है.

Comments