IBM के 7 सॉफ्टवेयर खरीदेगी एचसीएल, 12780 करोड़ रुपये में हुई डील

आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL) ने अमेरिकी कंपनी आईबीएम के 7 सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट खरीदने का एलान किया है. कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि यह डील 1.8 अरब डॉलर यानी करीब 12780 करोड़ रुपये में हुई है.

यह एचसीएल का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा. यह डील अगले साल के मध्य तक पूरी होने की उम्मीद है. इसके लिए रेग्युलेटर्स की इजाजत लेनी पड़ेगी. HCLके प्रेसिडेंट और सीईओ सी विजयकुमार ने कहा कि कंपनी सिक्योरिटी, मार्केटिंग और कॉमर्स से जुड़े सॉफ्टवेयरों का अधिग्रहण करेगी. इनका बाजार तेजी से बढ़ रहा है और यह एचसीएल के स्ट्रैटजिक सेगमेंट में शामिल हैं.

आईबीएम जिन 7 सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट को बेच रहा है उनमें बिगफिक्स, यूनिका और कनेक्शंस शामिल हैं.बिगफिक्स सिक्योर डिवाइस मैनेजमेंट से जुड़ा सॉफ्टवेयर है. यूनिका मार्केटिंग ऑटोमेशन और कनेक्शंस वर्कस्ट्रीम कॉलेबोरेशन प्रोडक्ट है.

एचसीएल का सॉफ्टवेयर सर्विस बिजनेस जुलाई-सितंबर तिमाही में 21% इजाफे के साथ 8,711 रुपये रहा. उधर, आईबीएम की सॉफ्टवेयर बिक्री में पिछले कुछ महीनों में गिरावट आई. इससे कंपनी की तिमाही आय पर भी फर्क पड़ा है. आईबीएम भी अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी रेड हैट को 34 अरब डॉलर में खरीद रही है. इसमें रेड हैट का कर्ज भी शामिल है. डील पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है.

महाराष्ट्र सरकार द्वारा नीरव मोदी के इस बंगले को गिराने का आदेश 4 दिसंबर को ही जारी कर दिया गया था. दरअसल, नीरव मोदी को अलीबाग क्षेत्र में 376 स्क्वायर मीटर के प्लॉट पर बंगला बनाने की परमिशन ली थी, लेकिन उसने 1071 स्क्वायर मीटर जगह का घेराव किया. अब सरकार द्वारा इस अवैध निर्माण को ढहाया जा रहा है.

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के एक निजी होटल में ईवीएम मशीन और सागर जिले में बिना नंबर की स्कूल बस से स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम पहुंचाए जाने का वीडियो जारी करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जनादेश को पटलने की कोशिश कर रही है. वहीं, एक अन्य मामले में शुक्रवार को ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगभग एक घंटे के लिए बिजली नहीं होने की वजह से स्ट्रॉन्ग रूम का सीसीटीवी और एलईडी डिस्प्ले इस अवधि में काम नहीं कर पाया.

इन शिकायतों पर चुनाव आयोग ने भी माना है कि मध्य प्रदेश में ऐसी दो घटनाएं हुईं थीं जिसमें ईवीएम को लेकर नियमावली का पालन नहीं किया गया. लेकिन आयोग का कहना था कि यह गलती प्रक्रिया तक ही सीमित है और मशीनों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. लेकिन आयोग ने एक अधिकारी को मशीने देरी से जमा कराने के आरोप में सस्पेंड कर दिया.

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